तू आता है#
आता हैं तू,
कभी आदमी न्ही
सिर्फ़ स्वर बन जाता हैं तू,
तेरे स्वर से पहचान लेती हूँ
की तू है#
देखता होगा मुझे पार से
जैसे सुबह का सूरज देखता है
सो कर उठी धरती को प्यार से,
तेरी आहट से
पहचान लेती हूँ
की तू है.
की आता है तू#
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तू आता है#
आता हैं तू,
कभी आदमी न्ही
सिर्फ़ स्वर बन जाता हैं तू,
तेरे स्वर से पहचान लेती हूँ
की तू है#
देखता होगा मुझे पार से
जैसे सुबह का सूरज देखता है
सो कर उठी धरती को प्यार से,
तेरी आहट से
पहचान लेती हूँ
की तू है.
की आता है तू#