मजबूरी Shayari 18/08/201724/08/2017Radha GLeave a Comment on मजबूरी देख कर भी तेरी बेवफ़ाई को नज़रों को यक़ीन नहीं होता, दिल है की कहता है, होगी कोई मजबूरी वरना आसमाँ टूट कर यूँ ज़मीं पर ना होता.