जिंदगी Dil se Poems 18/01/201826/04/2018Radha GLeave a Comment on जिंदगी उलझी और बॅल्झी हुई सी जिंदगी, उन आधे अधूरे ख्वाब सी, जो कभी पूरी नहीं हो सकीं उन आधे अधपढ़े किताबों सी, जो तकिये के नीचे या फिर साइड टेबल पर रखी जिन्हें कोई पूरा पढ़ना नहीं चाहता सिर्फ़ बाहर से कवर देख कर लाइक का बटन दबाना जान ता है.