आज महक उठा गुलाबी जाड़ा,
तन मन हुआ मदहोश, छू गया गुलाबी जाड़ा.
चित चोर की आँखों से बरसा मधु,
भीग उठा गुलाबी जाड़ा.
महकने लगी रात की रानी,
खिलखिला उठा गुलाबी जाड़ा.
फूल से होंठ हिले
अस्फुट से स्वर निकले,
सुना और शरमा गया गुलाबी जाड़ा
आज महक उठा, गुलाबी जाड़ा
तन मन हुआ मदहोश,
छू गया गुलाबी जाड़ा.