कह गये थे तुम
लौट के आऊँगा मैं,
दहलीज़ पे उम्मीद
के दीए आज भी,
जल रहे बरसों से
तुम्हारे इंतज़ार में..
राधिका
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कह गये थे तुम
लौट के आऊँगा मैं,
दहलीज़ पे उम्मीद
के दीए आज भी,
जल रहे बरसों से
तुम्हारे इंतज़ार में..
राधिका