उत्तराखंड
भूमि यह देवों की, देवालय उत्तराखंड।पर्वत, उत्तुंग नदियां, विस्तृत हिमखंड।। दामन में बहें सरिता, कल-कल निनाद मय।झरने विरल निरंतर धरनि पर हों विलय।।कहीं शांत ये धाराएं, कहीं बहती है प्रचंड ।भूमि यह देवों की, देवालय उत्तराखंड।। पर्वत शिखर पर खेलें रवि रश्मियों के रंग।फ्यूली, बुरांश, काफल, देवदार, चीड़, भंग।।भट्ट, गहत, मरुआ किस्में हैं बहु अनन्त।भूमि […]
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