कैसा होता
तुम सामने आकर
कह जाते दिल की बात
तो कैसा होता?
मैं तुम्हें चाहू या ना चाहू
सिर्फ़ तुम मुझे चाहते
तो कैसा होता?
कहानी चंदा और
चकोर की दोहराते
तो कैसा होता?
यूँ ना करते तुम इज़हार
मोहब्बत का अपनी
मेरे ही तरन्नुम में गाते
तो कैसा होता?
तुम्हारे होंठ एक पल को
छू लेते मस्तक मेरा
तो कैसा होता?
तुम्हारी बाहों के घेरे में
थाम लेती मौत मुझे
तो कैसा होता?
राधिका