यूँ ही Poems 30/09/201801/11/2018Radha GLeave a Comment on यूँ ही बस कह दिए, बड़े मजबूत हो तुम, ऐसे ही रहना, कांधा थपथपा के चल दिए, सिक्के के एक ही पहलू को देख खुश हो लिए. किसी ने ज़रा सा भी ना पूछा कैसे जी रहे हो तुम, क्या कर रहे हो तुम, क्या दुख है तुम्हें जो ऐसे मुस्करा रहे हो तुम. राधिका